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दैनिक जनचेतना

वर्ष:11,अंक:11,सोमवार,23नवंबर.2020.

 आज का संदेश .

समाज में परिवर्तन हेतु प्रयत्न हमारी मूलभूत जिमेदारी है। यह उस पित्र ऋण की अदायगी है जो उन्हों ने हमें अमीबा जैसे तन्तु से हमें यहाँ तक लाने हेतु हम पर चढ़ाया परन्तु समाज में परिवर्तन हेतु सक्रिय होने से पूर्व कुछ मूल-भूत तथ्यों को अधिग्रण कर लेना हितकर रहता है। इस से गतिविधियां सीधी दिशा में रहती हैं, प्राप्तियों का मूलाँकन सरल रहता है और निराशा भी कम होती है। सर्व प्रथ्म, यह समझना आवश्यक है कि मनुष्य के स्वभाव, प्राकृतिक प्रवृतियों में कभी परिवर्तन नहीँ होता। यह मूलत: काम वासना से निर्देशित होती हैं अथवा इन का सम्बंध वितीय लाभ हानि से होता है। डर, भय, गुस्सा, मोह, ममता, काम, क्रोध, लोभ, हंकार, वैर, विरोध, नकल, हमदर्दी, शर्म, गोपनीयता, सुरक्षा आदि कभी समाप्त नहीं होतीं। इन की मात्रा में ही परिवर्तन संभव है। दूसरा, समाज में परिवर्तन सदैव होता रहता है परन्तु इस की गति धीमी होती है। तीसरा, हितों के टकराव के समय लाभकारी मौन रहता है जबकि हानि उठाने वाला मरने मारने में विलम्भ नहीँ करता।

  भारत का इतिहास-13 .

ब्राह्मण ग्रन्थों में स्मृतियों का भी ऐतिहासिक महत्व है। मनु, विष्णु, याज्ञवल्क्य नारद, वृहस्पति, पराशर आदि की स्मृतियाँ प्रसिद्ध हैं जो धर्म शास्त्र के रूप में स्वीकार की जाती हैं। मनुस्मृति में जिसकी रचना संभवतः दूसरी शताब्दी में की गयी है, धार्मिक तथा सामाजिक अवस्थाओं का पता चलता है। नारद तथा वहस्पति स्मृतियों से जिनकी रचना करीब छठी सदी ई. के आस-पास हुई थी, राजा और प्रजा के बीच होने वाले उचित संबंधों और विधियों के विषय में जाना जा सकता है। इसके अतिरिक्त पराशर, अत्रि हरिस, उशनस, अंगिरस, यम, उमव्रत, कात्यान, व्यास, दक्ष, शरतातय, गार्गेय वगैरह की स्मृतियाँ भी प्राचीन भारत की सामाजिक और धार्मिक अवस्थाओं के बारे में बतलाती हैं।

  भारतीय़ इतिहास में आज.

23 नवंबर

मुख्य घटनाएँ:

  भारतीय़ इतिहास में आज.

21 नवंबर

मुख्य घटनाएँ:

1909

राइट बंधुओं ने विमानों के उत्पादन के लिए 10 लाख डॉलर की पूंजी से कंपनी की स्थापना की।

1924

एडविन हबल ने एक समाचार पत्र में साक्ष्य प्रकाशित किया कि ऑन्ड्रोमेडा नेबुला, जिसे पहले मिल्की वे का हिस्सा माना जाता था, वास्तव में एक और आकाशगंगा है, जो ब्रह्मांड में कई में से एक है।

1927

ऑटोमेटेड म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट नाम की कंपनी ने पहला ज्यूक बॉक्स तैयार किया।

1934

ओगडेनकेन में एक एंग्लो-इथियोपियाई सीमा आयोग ने वॉल्वाल में इतालवी सेवा में सोमालिस के एक गैरीसन का सामना किया, जो एबिसिनिया संकट के लिए जिम्मेदार था।

1937

देश के प्रख्यात भौतिक विज्ञानी, जीवविज्ञानी और पुरातत्वविद् जगदीशचंद्र बसु का निधन हुआ।

1946

वियतनाम के हैफ्योंग शहर में फ्रांसीसी नौसेना के जहाज में लगी भीषण आग में 6000 लोग मारे गए।

1955

हिंद महासागर में कोकोस द्वीपों को ब्रितिश से ऑस्ट्रेलियाई नियंत्रण में स्थानांतरित किया गया था।

1963

डॉक्टर हू का पहला एपिसोड, जो दुनिया का सबसे लंबे समय तक चलने वाला फिक्शन टेलीविजन शो था, बीबीसी टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था, जिसमें विलियम हार्टनेल ने शीर्षक भूमिका के पहले अवतार के रूप में अभिनय किया था।

1967

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन का जन्म हुआ। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने 2011 में विश्व कप जीता था।

1971

चीन यूएन की सुरक्षा परिषद का सदस्य बना।

1980

इटली में भूकंप के चलते 2600 लोग मारे गए।

लंदन के व्यस्ततम ऑक्सफोर्ड सर्कस स्टेशन पर आग लगने से क़रीब 1000 लोग फंस गए थे।

1992

आईबीएम ने साइमन , एक हैंडहेल्ड, टचस्क्रीन मोबाइल फोन और पीडीए की शुरुआत की, जिसे पहला स्मार्टफोन माना जाता है।

1996

इथियोपियाई एयरलाइंस की उड़ान 961 को अपहरण कर लिया गया था, फिर ईंधन से बाहर निकलने के बाद कोमोरोस के पास हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 125 ofthe 175 लोग मारे गए।

2005

पूर्वोत्तर चीन में सोंगहुआ नदी पर एक रासायनिक कारखाने में विस्फोट से नदी के पानी में जहरीले बेंजीन के उच्च स्तर का निर्वहन होता है।

2005

एलेन जॉनसन सरलीफ ने लाइबेरियन आम चुनाव जीता, जिससे वह अफ्रीका में पहली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित महिला प्रमुख बनीं।

2006

पिछले सप्ताह के अंत में लंदन में जहर खाने वाले रूसी पूर्व जासूस अलेक्जेंडर लिटविनेंको की मौत हो गई। उन्हें पहले एक वेंटिलेटर पर हार्ट फेलियर का शिकार होना पड़ा था।

2007

एक इजरायली मनोचिकित्सक और रिजर्व अधिकारी पर रूस, हमास और ईरान को वर्गीकृत जानकारी प्रदान करने का आरोप लगाया गया है।

2008

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और विपक्षी राजनेताओं के अनुसार रूस के दक्षिणी गणराज्य इंगुशेतिया में अब गृह युद्ध की स्थिति है।

2009

फिलीपिंस में मासूम-बेगुनाह 32 मीडियाकर्मीयों को मौत के घाट उतार दिया गया था।

2009

जीन चार्ल्स डी मेनेजेस का परिवार, जिसे 2005 में लंदन में मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने गलती से गोली मार दी थी, पुलिस के साथ एक मुआवजे के सौदे पर पहुँचे, उनके बीच "सभी मुकदमेबाजी" को हल किया।

2009

मैगुइंडानाओ, फिलीपींस के गवर्नर के लिए आगामी चुनाव में इस्माईल मंगदुदतु की उम्मीदवारी दर्ज करने के लिए लोगों की भीड़ पर उनके प्रतिद्वंद्वी के समर्थकों द्वारा हमला किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 57 लोगों की मौत हो गई।

2010

क़ांतास ने घोषणा की कि एयरबस ए 380 सुपर जंबोज के अपने बेड़े शनिवार को सेवा में वापस आने लगेंगे।

2010

सीमावर्ती दो देशों के पास आयोजित तोपखाने अभ्यासों के जवाब में, उत्तर कोरिया ने येओनप्योंग द्वीप पर बमबारी की, जिसमें चारसौ कोरियाई सैनिकों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए।

2011

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने दावा किया है कि मंगल ग्रह के प्रक्षेपण के लिए अंतरिक्ष यान की खिड़की के बंद होने के दो दिन बाद रूस के फंसे फोबोस-ग्रंट जांच के साथ संपर्क बना है।

2011

अरब स्प्रिंग-यमन में 11 महीने के विरोध प्रदर्शन के बाद, यमनिप्रेसिडेंट अली अब्दुल्ला सालेह ने उपराष्ट्रपति रब्बु मंसूर हादी को सत्ता हस्तांतरित करने पर सहमति व्यक्त की।

2012

मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी द्वारा खुद को व्यापक नई शक्तियां देने के फैसले को पारित करने के बाद मिस्र में विपक्षी नेताओं ने बड़ी आपत्तियों का आह्वान किया। काहिरा में उनके फैसले के खिलाफ और उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और मिस्र में हिंसा बढ़ गई है।

2013

सीरियाई सरकार ने उत्तरी सीरियाई शहर अलेप्पो के चारों ओर हवाई हमलों में 40 लोगों की जान ले ली।

2014

केन्याई सुरक्षा बलों ने सोमालिया में पार किया और आतंकवादी समूह के बस के अपहरण और 28 लोगों की हत्या के जवाब में अल-शबाब के 100 सदस्यों को मार डाला।




मोबाइल फोन

मोबाइल फोन का उपयोग तो हम सभी करते हैं। अब तो यही स्मार्टफोन हो गया है। 4G हो गया है। जल्द ही 5G आने वाला है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है दुनिया का पहला मोबाइल फोन किस इंजीनियर ने बनाया था। मोबाइल फोन का आविष्कार कब हुआ। दुनिया का पहला मोबाइल फोन किस कंपनी ने लांच किया। इसकी कीमत कितनी थी। दुनिया के पहले मोबाइल फोन का बैटरी बैकअप कितना था। भारत में मोबाइल फोन कब आया। भारत में मोबाइल फोन लाने वाले कारोबारी और कंपनी का नाम क्या है। इन सभी सवालों के जवाब पढ़ते हैं: 

मोबाइल फोन का आविष्कार अमेरिकन इंजीनियर मार्टिन कूपर ने किया। 3 अप्रैल 1973 मोबाइल फोन का बर्थडे दर्ज किया गया। यही वह तारीख है जब मोबाइल फोन सबसे पहली बार उपयोग किया गया। यानी दुनिया का पहला मोबाइल फोन लांच हुआ। यह तो आप जानते ही हैं कि दुनिया का पहला मोबाइल फोन मोटरोला कंपनी ने लांच किया था। इंजीनियर मार्टिन कूपर ने 1970 में मोटरोला कंपनी ज्वाइन की थी। जॉइनिंग के साथ ही वह वायरलेस काम करने लगे थे और 1973 यानी मात्र 3 साल में उन्होंने वह कर दिखाया जिसका सपना किसी ने नहीं देखा था।

मार्टिन कूपर द्वारा बनाये गए पहले मोबाइल फोन का वजन लगभग 2 Kg था। एक बड़ी सी बैटरी को कंधे पर लटका कर चलना पड़ता था। एक बार चार्ज होने के बाद उस मोबाइल से 30 मिनट तक बातें कि जा सकती थी लेकिन उसे दोबारा चार्ज करने में 10 घंटे का समय लगता था। 1973 में मोबाइल फोन की कीमत लगभग 2700 अमेरिकी डॉलर (2 लाख रूपए) थी। 1973 में लांच हुए पहले मोबाइल फोन को 0G (Zero Generation) मोबाइल फोन कहा जाता था। पहले मोबाइल फोन के आविष्कार के 10 साल बाद वर्ष 1983 में मोटोरोला ने आम लोगों के लिए पहली बार मोबाइल बाजार में लाया जिसका नाम था – Motorola DynaTAC 8000X . एक बार चार्ज होने के बाद इससे 30 मिनट तक बाते हो सकती थी। इसमें 30 मोबाइल नंबर भी save किया जा सकता था और उस समय उसका मूल्य 3995 अमेरिकी डॉलर (₹ 295669) रखा गया था।

भारत में मोबाइल फोन का आगमन दुनिया के पहले मोबाइल (DynaTAC 8000X) बनने के 12 साल बाद 31 जुलाई, 1995 को हुआ। दूरसंचार सेवाओं के विस्तार के लिए भारत में 20 फरवरी, 1997 में ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) की स्थापना की गयी। 

भारत में मोबाइल सेवा प्रारम्भ करने का प्रयास वर्ष 1994 के मध्य से ही भारत के उद्यमी भूपेन्द्र कुमार मोदी द्वारा किया जाने लगा था। उन्हीं की कंपनी ‘Modi Telstra’ ने देश में पहली बार मोबाइल सेवा का प्रारम्भ किया तथा पहला मोबाइल काॅल इसी कंपनी के नेटवर्क (जिसे मोबाइल नेट कहा जाता था) पर कोलकता से दिल्ली किया गया था। इसी कंपनी को आगे चलकर ‘Spice Mobiles’ के नाम से जाना गया

 परेरणा .

अज्ञानता 

टीवी, जागरण का लाउडस्पीकर, हमारी भक्ति जब, टीवी के चैनल की तरह बदलती है जब हम बच्चे थे, तब आस-पास के अनेक घरों में एक कथा सुनाई जाती थी। एक औरत ने सत्यनारायण भगवान की कथा रखी। कथा अभी अधूरी ही थी कि उसके पति ने उसे बुलाया। वो कथा बीच में छोड़ कर चली गई। बस फिर क्या था, अगले ही दिन उसके पति को रास्ते में कुछ लुटेरों ने घेर लिया और सब माल-असबाब लूट लिया। आगे गया तो वो एक कुएं में गिर गया। घर बाढ़ में बह गया। उसकी पत्नी ने आस-पास सलाह की तो सबने सत्यनारायण की कथा कराने को कहा। उसने पुन: पूरे मन से सत्यनारायण भगवान की कथा रखी और कथा पूरी कर सबको प्रसाद बांटा। कुछ ही दिन बीते कि राजा ने उन लुटेरों को पकड़ लिया और उसके पति का पूरा धन वापस दिला दिया। व्यापार में तरक्की हुई, उनकी बड़ी हवेली बनी और फिर वे सौ साल तक सुख पूर्वक जिए।
दस साल बाद मैं ने गौर किया कि अचानक संतोषी मां के प्रताप की बहुत तेजी से चर्चा शुरू हुई। रमा ने 16 शुक्रवार का व्रत रखा। गुड़-चना खाया। उसे सुंदर-धनवान पति मिला। सविता ने व्रत बीच में छोड़ दिया, गुड़-चना कुत्ते को खिला दिया। उसकी एक आंख फूट गई। काना-कुबड़ा पति मिला। जब उसने फिर से 16 शुक्रवार का व्रत रखा, तभी उसकी जिंदगी संवर पाई।
दस साल और बीते। और हमने देखा कि जागरण का फैशन चल निकला। जन्मदिन हो तो जागरण, घर का मुहूर्त हो तो जागरण। रिजल्ट आया तो जागरण। दस साल और बीते तो 12 घंटे का जागरण 4 घंटे की चौकी में बदल गया। इधर साईं संध्या लोकप्रिय हो रहा है। साईं की चौकी, साईं का कीर्तन। साईं का भजन। लोगों को अपनी सभी समस्याओं का हल साईं के पास दिख रहा है।
हम जिन भगवानों से अपने सौ साल तक सुख पूर्वक जीने की दुआ मांगते हैं , उनकी अपनी उम्र दस साल से अधिक नहीं होती। दस साल बीतते - बीतते लोग एक भगवान को छोड़ दूसरे की शरण में जाने लगते हैं। जब विश्वास की उम्र दस साल नहीं रही , तो शरीर सौ वर्ष तक कैसे टिकेगा ?
असल में दस वर्ष बीतते - बीतते अंधविश्वास का पर्दा फटने लगता है। भगवान पत्थर में नहीं बसते। पत्थर को भगवान तो इंसान बनाता है। असली शक्ति और ताकत है मन की उर्जा , जिसे हम विश्वास से सींचते और मजबूत करते हैं। झूठ , दिखावे , भय और फरेब की जमीन पोली और खोखली होती है। सत्य और वास्तविकता से टकराव होते ही दरकने लगती है।
अंधविश्वास - श्रद्धा और प्रेम पर कम , डर और चमत्कार पर ज्यादा टिका होता है। डरा हुआ असुरक्षित , भयभीत मन अस्थिर रहता है। इसीलिए टी . वी . के चैनल की भांति आस्था का सीरियल बदलता रहता है।
यह धर्म नहीं , धर्म के नाम पर पाखंड का कर्मकांड है। लोग धर्म पर नहीं , कर्मकांड पर ज्यादा यकीन करते हैं। आज विज्ञान भी मानता है कि यह मानव शरीर ही नहीं , वरन समस्त प्रकृति लाखों - करोड़ों पदार्थो के युग्मों से बनी है। इन लाखांे - करोड़ों सेल की एक - एक इकाई में लाखों न्यूट्रोन , प्रोटोन और इलेक्ट्रोन होते हैं। ये सभी आपस में ऊर्जा से जुड़े हैं। एक मानव शरीर में 50 ट्रिलियन कोशिकाएं होती हैं। ये सभी सेल आपस में खुशी से रहते हैं। दुख तब होता है , जब इनके बीच नफरत - घृणा - अभिमान के भाव पनपते हैं।
यही द्वेष , दुख और बीमारी का कारण बनता है। समस्त जगत - मानव , प्राणी , प्रकृति सभी के प्रति प्रेम का भाव उत्पन्न करने से हमारे सभी दुख दूर हो सकेंगे। हमारी समस्या शारीरिक बीमारी की नहीं है , समस्या मानसिक बीमारी की है। सुखी होना या खुश होना कोई लक्ष्य नहीं है , यह तो जीवन की यात्रा है। किंतु होता ये है कि हम सोचते है कि यदि हमें यह प्राप्त हो जाए तो हम खुश हो जाएंगे। वहां पहुंच कर हमें सारी खुशी प्राप्त नहीं होती। फिर एक नई चाहत पैदा होती है। धीरे-धीरे हमारा विश्वास डगमगाने लगता है।