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दैनिक जनचेतना
वर्ष:11,अंक:9,शुक्रवार,20नवंबर.2020.
आज का संदेश .
पदार्थक स्तर पर खाना, वस्त्र और गृहस्थान मानव जीवन की न्यूनतम आवश्यक्ताएँ मानी जाती हैं। खाना शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। खाना खाए बगैर शरीर अधिक समय तक जिन्दा नहीं रह पाता। वस्त्रों की आवश्यक्ता शरीर की प्रतिकूल मौसम व मक्खी, मच्छर जैसे कष्टकारी कीटों से रक्षा हेतु पड़ती है। उपयुक्त गृहस्थान मनुष्य को व्यक्तिगत स्वतंत्रता, शारीरक आराम और शत्रु से सुरक्षा हेतु आवश्यक होता है। इसी लिये स्वस्थ्य जीवन हेतु संतुलित भोजन, सुविधाजनक वस्त्रों और शांत व हवादार स्थान की सिफारिश की जाती है। क्यूँकि यह सभी मनुष्य को जिन्दा रहने के लिए आवश्यक हैं, इस लिए इन का व्यवस्था समाज को बिना किसी भेद भाव करनी चाहिए। ऐसा ना होने का सरल अर्थ बेइंसाफी तथा मानव अधिकारों का उलंघन करना है।
भारत का इतिहास-11 .
महाकाव्यों के पश्चात् पुराण आते हैं जिनकी संख्या अठारह है। इनकी रचना का श्रेय ‘सूत’ लोमहर्षण अथवा उनके पुत्र उग्रश्रवस या उग्रश्रवा को दिया जाता है। पुराणों में पाँच प्रकार के विषयों का वर्णन सिद्धान्ततः इस प्रकार है-सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वंतर तथा वंशानुचरित।
सर्ग बीज या आदि सृष्टि का पुराण है।
प्रतिसर्ग प्रलय के बाद की पुनर्सृष्टि को कहते हैं।
वंश में देवताओं या ऋषियों के वंश वृक्षों का वर्णन है,
मन्वन्तर में कल्प के महायुगों का वर्णन है जिनमें से प्रत्येक में मनुष्य का पिता एक मनु होता है और वंशानुचरित पुराणों के वे अंग हैं जिनमें राजवंशों की तालिकायें दी हुई हैं और राजनीतिक अवस्थाओं, कथाओं और घटनाओं के वर्णन हैं।
भारतीय़ इतिहास में आज.
20 नवंबर
मुख्य घटनाएँ:
1750: टीपू सुल्तान का जन्म हुआ था.
1945: जर्मनी के शहर न्यूरेम्बर्ग में 20 नाज़ी नेताओं के ख़िलाफ़ मुक़दमे की सुनवाई शुरू हुई. उन सभी पर युद्ध अपराध के आरोप लगाए गए थे.
1975: 39 वर्षों तक स्पेन पर शासन करने वाले तानाशाह जनरल फ्रैंसिस्को फ्रैंको की मौत हो गई थी.
1985: बिल गेट्स ने विंडोज-1 ऑपरेटिंग सिस्टम को बाजार में उतारा.
1995: ब्रिटेन की तत्कालीन राजकुमारी डायना ने पहली बार अपने विवाहेतर संबंधों को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था.
1998: स्पेस स्टेशन जारया का पहला माॅड्यूल लॉन्च किया गया.
राजकुमारी डायना की ज़िंदगी का आख़िरी दिनः
राजकुमारी डायना ने अपना आख़िरी दिन अपने पार्टनर डोडी अल फ़ायद की नौका के ऊपरी डेक में बिताया. नाश्ते में उन्होंने ताज़े जैम के साथ एक एक क्रोएसाँ खाया.
साथ में डायना ने दूध वाली कॉफ़ी ली जबकि डोडी ने काली कॉफ़ी का मग लिया. उस दिन साढ़े ग्यारह बजे दोनों ने नौका छोड़ दी ताकि वो डोडी के निजी विमान से पेरिस पहुंच सकें. उनके साथ डोडी का बटलर और उनका मालिश करने वाला भी गया क्योंकि डोडी की पीठ में उस दिन काफ़ी दर्द था.
उस दिन डोडी के केलेंडर में सिर्फ़ एक एंट्री थी. उन्हें शाम साढ़े छह बजे पेरिस में अपने पिता के होटल रिट्ज़ के नज़दीक एक ज्वेलर के पास से एक अंगूठी लेनी थी. जैसे ही वो नीचे उतरे कैमरा वालों ने उनकी तस्वीरें लेनी शुरू कर दीं. शाम को वो दोनों रिट्ज़ होटल पहुंचे. डायना अपने बाल संवरवाने होटल के सैलून में चली गईं और डोडी अपने ज्वेलर से मिलने चले गए.
मशहूर पत्रकार क्रिस्टोफ़र एंडरसन अपनी किताब 'द डे डायना डाइड' में लिखते हैं, "पहले वो दोनों पेरिस के रेस्तराँ 'शे बेनॉय' गए लेकिन जब वहाँ उन्होंने फोटोग्राफ़रों की भीड़ देखी तो वो लौट कर 'रिट्ज़' के डाइनिंग रूम में आ गए. वहाँ डायना ने वेजेटेबिल 'टेंपूरा' का ऑर्डर किया जब कि डोडी ने ग्रिल्ड 'टरबोट' मछली मंगवाई."
"ऑर्डर देने के तुरंत बाद वो असहज महसूस करने लगे क्योंकि कई आँखें उन्हें घूर रही थीं. उन्होंने तुरंत डायनिंग रूम छोड़ा और बेयरर से कहा कि वो उनका खाना उनके इंपीरयल स्वीट में पहुंचा दें."
एंडरसेन आगे लिखते हैं, "डोडी ने योजना बनाई कि उनके ड्राइवर और अंगरक्षक ये आभास देंगे कि वो
आगे के गेट से बाहर निकलने वाले है जहाँ उनकी मर्सिडीज़ गाड़ियों का काफ़िला उनका इंतेज़ार कर रहा है, लेकिन तभी डोडी होटल के पिछले दरवाज़े से होटल की एक दूसरी मर्सिडीज़ एस 280 में निकल जाएंगे."डोडी की ये योजना सफल रही लेकिन उस दिन उनके ड्राइवर आनरी पॉल ने शराब पी रखी थी. उनके ख़ून में अल्कोहल की मात्रा फ़्रांस की कानूनी मान्य सीमा से तीन गुना अधिक थी. बाद में जब उनके खून की जाँच की गई तो उसमें प्रोज़ेक और टियाप्राइडल जैसी दवाओं के अंश भी मिले, जिन्हें एंटी डिप्रेसेंट के तौर पर लिया जाता है.
परेरणा .
खाली पेट
लगभग दस साल का बालक राधा का गेट बजा रहा है।
राधा ने बाहर आकर पूंछा
"क्या है ? "
"आंटी जी क्या मैं आपका गार्डन साफ कर दूं ?"
"नहीं, हमें नहीं करवाना।"
हाथ जोड़ते हुए दयनीय स्वर में "प्लीज आंटी जी करा लीजिये न, अच्छे से साफ करूंगा।"
द्रवित होते हुए "अच्छा ठीक है, कितने पैसा लेगा ?"
"पैसा नहीं आंटी जी, खाना दे देना।"
" ओह !! अच्छे से काम करना।"
"लगता है, बेचारा भूखा है।पहले खाना दे देती हूँ। राधा बुदबुदायी।"
"ऐ
लड़के ! पहले खाना खा ले, फिर काम करना।
"नहीं आंटी जी, पहले काम कर लूँ फिर आप खाना दे देना।"
"ठीक है ! कहकर राधा अपने काम में लग गयी।"
एक घंटे बाद "आंटी जी देख लीजिए, सफाई अच्छे से हुई कि नहीं।"
"अरे वाह! तूने तो बहुत बढ़िया सफाई की है, गमले भी करीने से जमा दिए।यहाॅं बैठ, मैं खाना लाती हूँ।"
जैसे ही राधा ने उसे खाना दिया वह जेब से पन्नी निकाल कर उसमें खाना रखने लगा।"
"भूखे काम किया है, अब खाना तो यहीं बैठकर खा ले।जरूरत होगी तो और दे दूंगी।"
"नहीं आंटी, मेरी बीमार माँ घर पर है।सरकारी अस्पताल से दवा तो मिल गयी है,पर डाॅ साहब ने कहा है दवा खाली पेट नहीं खाना है।"
राधा रो पड़ी..
और अपने हाथों से मासुम को उसकी दुसरी माँ बनकर खाना खिलाया..
फिर... उसकी माँ के लिए रोटियां बनाई .. और साथ उसके घर जाकर उसकी माँ को रोटियां दे आयी ..
और कह आयी .. बहन आप बहुत अमीर हो ..
जो दौलत आपने अपने बेटे को दी है वो हम अपने बच्चो को भी नहीं दे पाते ..
खुद्धारी की ...